मधुशाला (६)

Submitted by satya on मंगल, 06/21/2016 - 19:00

६)

मदिरालय जाने को घर से
चलता है पीनेवाला,
'किस पथ से जाऊं?' असमंजस
में है वह भोलाभाला;

अलग-अलग पथ बतलाते सब
पर मैं यह बतलाता हूँ-

'राह पकड़ तू एक चला चल,
पा जाएगा मधुशाला|'