Submitted by satya on मंगल, 06/21/2016 - 19:08 १२) मेहंदी-रंजित मृदुल हथेली पर माणिक मधु का प्याला, अंगूरी अवगुंठन डाले स्वर्ण-वर्ण साकीबाला, पाग बैंजनी, जामा नीला डाट डटे पीनेवाले; इन्द्रधनुष से होड़ लगाती आज रंगीली मधुशाला| Book traversal links for मधुशाला (१२) ‹ मधुशाला (११) ऊपर मधुशाला (१३) ›